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आंधी हो या जंग, नहीं रुकेगी ऑनलाइन पेमेंट, RBI ला रहा नया सिस्टम

युद्ध से पनाह के लिए बंकर बनाए जाते हैं. इसी तरह ऑनलाइन पेमेंट का बंकर आ रहा है. जो युद्ध या आपदा की स्थिति में भी पेमेंट रुकने नहीं देगा.

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RBI is working to bring a new payment settlement system with zero downtime
RBI जल्द ही लाइटवेट पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम लेकर आ सकता है जिस पर आपदा विपदा के समय भी पेमेंट हो सकेगा.
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31 मई 2023 (Updated: 31 मई 2023, 20:42 IST)
Updated: 31 मई 2023 20:42 IST
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बीते दिनों में जिन चीज़ों ने जीवन आसान किया है, उसमें से एक है ऑनलाइन पेमेंट. जेब से फोन निकालिए, क्यू आर कोड स्कैन कीजिए, और दन्न से पेमेंट हो जाता है. बस एक दिक्कत बची है. नेटवर्क घिच-पिच हो या सर्वर बिज़ी हो, तो मामला खराब हो जाता है. लेकिन अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है, कि प्राकृतिक आपदा या युद्ध जैसे हालात में भी ऑनलाइन पेमेंट बिना अटके की जा सकेंगी. इसका नाम है - लाइटवेट पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (LPSS).

LPSS मौजूदा डिजिटल पेमेंट सिस्टम मसलन NEFT, RTGS, UPI से अलग होगा. आरबीआई के मुताबिक LPSS पेमेंट सिस्टम के लिए ठीक उसी तरह काम करेगा जैसे बंकर युद्ध के समय करते हैं.

आरबीआई ने मंगलवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है, 'बड़ी- बड़ी आपदाओं के कारण मौजूदा पेमेंट सिस्टम की टेक्नोलॉजी सही से काम नहीं कर पाती और लेनदेन कुछ समय के लिए ठप पड़ जाते हैं. पैसे रुपये का काम रुकने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है. इसलिए ऐसी विषम परिस्थितियों के लिए तैयार रहना जरूरी है.' 

इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

इस समय देश में ऑनलाइन पेमेंट के लिए NEFT RTGS और UPI जैसे अलग-अलग सिस्टम मौजूद हैं. जैसे ही कोई आपदा-विपदा आती है ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कुछ देर के लिए ठप पड़ जाते हैं. क्योंकि ये सिस्टम भारी संख्या में लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए बने होते हैं. इनमें भारी भरकम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. युद्ध, आपदा या किसी अन्य विषम परिस्थिति में इन सिस्टम के ठप पड़ने से लेनदेन से जुड़े सभी काम रुक जाते हैं. जबकि, LPSS में हल्के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा. जो किसी भी स्थिति में ठप नहीं पड़ेगा.

कैसे काम करेगा LPSS?

इस सिस्टम को कहीं भी, किसी भी जगह से चलाया जा सकेगा. इसे चलाने के लिए ज्यादा कर्माचरियों की भी जरूरत नहीं होगी. इस सिस्टम को तभी एक्टिव किया जाएगा जब इसकी जरूरत पड़ेगी. ताकि रुपये-पैसे के लेनदेन का काम न रुके. सरकारी और मार्केट से जुड़े लेनदेन चलते रहेंगे. इस सिस्टम से उन्हीं ट्रांजैक्शन को पूरा किया जाएगा जिनके रुकने से अर्थव्यवस्था के अंदर रुपये पैसे के सर्कुलेशन पर असर पड़ रहा हो.

LPSS के जरिए बड़े पेमेंट, एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर जैसे काम किए जा सकेंगे. साथ ही बड़े संस्थानों के पास नगदी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी. हालांकि, ये सिस्टम कब तक आएगा, आरबीआई ने इसकी कोई समयसीमा नहीं दी. मालूम हो कि 2022-23 के दौरान पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम ने रकम के लिहाज से करीबन 58 फीसदी ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए थे.

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